रीवा की घटना: मध्य प्रदेश के विंध्य इलाके से एक और दिल तोड़ देने वाली खबर सामने आई है। वैसे तो लीला साहू के गांव की सड़क की हालत पहले से ही चर्चा में थी, लेकिन अब उसी इलाके से एक ऐसी खबर आई जिसने सबको झकझोर दिया। इस बार किसी वायरल वीडियो का मामला नहीं है, बल्कि एक असली इंसान की जान गई है, और वो भी एक गर्भवती महिला की। चलिए जानते हैं आखिर इसके पीछे की क्या सच्चाई है?
रीवा में दर्दनाक हादसा जवा ब्लॉक के भटिगवां में हुआ
रीवा जिले के जवा ब्लॉक के एक छोटे से गांव भटिगवां में ये दर्दनाक घटना हुई। प्रिया कोल नाम की महिला, जो अपने बच्चे को जन्म देने वाली थी, वो समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सकी। वजह? बस वही पुरानी टूटी सड़कें, हर तरफ भरा पानी और मदद के नाम पर सन्नाटा।
प्रिया की डिलीवरी का टाइम नजदीक था। उसका ससुराल बरहटा गांव में है, जहां की सड़कें इतनी खराब हैं कि एंबुलेंस का पहुंचना तो छोड़ो, पैदल चलना भी मुश्किल है। वहां की हालत को देखते हुए प्रिया ने सोचा था कि मायके में रहना ज्यादा ठीक रहेगा। इसलिए वो भटिगवां आ गई थी, जहां कम से कम मां-बाप साथ थे और थोड़ी उम्मीद थी कि ज़रूरत पड़ने पर इलाज जल्दी मिल जाएगा। लेकिन किसे पता था कि बारिश और बाढ़ मिलकर ऐसा कहर ढाएंगे कि अस्पताल जाना ही नामुमकिन हो जाएगा।
कौन है लीला साहू?

लीला साहू रीवा की एक वायरल महिला है जो अपने गांव की सड़कों के बारे में सरकार से अपील करती है। वह अपने गांव की सड़कों का हाल इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर दिखती है। धीरे-धीरे लीला साहू लोगों के बीच और अपने गांव में चर्चित हो गई, लीला साहू की मेहनत अगर रंग लाई तो गांव वालों को सड़के जरूर मिलेंगे।
बारिश और बाढ़ बनी अर्चन
जिस दिन रीवा में दर्दनाक हादसा हुआ, उस दिन गांव की नदियां उफान पर थीं। प्रिया को अचानक तेज़ दर्द शुरू हुआ, तो घरवालों ने तुरंत अस्पताल ले जाने की कोशिश की।लेकिन रास्ते में जो पुल आता है, वो पूरी तरह डूब चुका था, सड़क तो पहले से ही टूटी हुई थी, ऊपर से बारिश और पानी ने हालात और भी बदतर कर दिए। करीब दो घंटे तक प्रिया तड़पती रही, न कोई साधन मिला, न कोई डॉक्टर। चारों तरफ सिर्फ पानी और बेबसी थी, आखिरकार, इसी दर्द और लाचारगी के बीच प्रिया की सांसें थम गईं।
अब सोचिए, एक मां जो अपने बच्चे के लिए सुरक्षित जगह पर आई थी, वो अपनी ही ज़िंदगी गंवा बैठी। इस घटना ने गांव वालों को झकझोर कर रख दिया है। लोग दुखी हैं, गुस्से में हैं, और सबसे ज़्यादा निराश हैं इस सिस्टम से, जो सिर्फ वादे करता है, लेकिन ज़मीन पर कुछ नहीं करता।
रीवा की घटना सरकार के लिए बड़ा सबक
इस घटना के बाद गांव वालों को सबसे बड़ा दुख इस प्रकार की है जहां लोग 5G में जी रहे हैं। वहीं उनके गांव में अस्पताल तक जाने के लिए एक रोड भी नहीं है। ऐसे में क्या उन्हें इस सरकार पर भरोसा करना चाहिए? गांव वाले कह रहे हैं कि केवल वोट मांगने के लिए नेता लोग आते हैं, लेकिन जब कुछ करने की आती है तो वह अपने घरों से बाहर भी नहीं निकलते।
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