क्या आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा भारतीय सेना का हिस्सा बने? तो सबसे पहला कदम हो सकता है, सैनिक स्कूल। आज हम आपको बताएंगे कि मध्य प्रदेश में कितने सैनिक स्कूल हैं, कहाँ हैं, कैसे एडमिशन होता है, और क्या-क्या फायदे हैं।

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सैनिक स्कूल क्या होते हैं?
सैनिक स्कूल एक विशेष प्रकार के आवासीय विद्यालय होते हैं जहाँ बच्चों को न सिर्फ सामान्य शिक्षा दी जाती है, बल्कि उन्हें अनुशासन, नेतृत्व और सेना के माहौल में ढाला जाता है। इनका उद्देश्य होता है – NDA (National Defence Academy) के लिए छात्रों को तैयार करना।
सैनिक स्कूलों की शुरुआत
सैनिक स्कूलों की शुरुआत 1961 में भारत के पहले रक्षा मंत्री वी. के. कृष्ण मेनन द्वारा की गई थी। उनका सपना था कि हर राज्य में कम से कम एक सैनिक स्कूल हो जो ग्रामीण और सामान्य वर्ग के छात्रों को NDA के लिए तैयार कर सके।
मध्य प्रदेश में सैनिक स्कूलों की संख्या
मध्य प्रदेश में वर्तमान समय में कुल तीन सैनिक स्कूल हैं और कुछ सैनिक स्कूल प्रस्ताव दिए जा चुके हैं लेकिन अभी सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं दिया गया है। आईए जानते हैं यह तीन सैनिक स्कूल कौन-कौन से हैं:
- सैनिक स्कूल रीवा
- सैनिक स्कूल सागर
- सैनिक स्कूल ग्वालियर
सैनिक स्कूल शिवपुरी प्रस्तावित है यानी यह सैनिक स्कूल बनने वाला है लेकिन अभी सरकार ने इसलिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
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मध्य प्रदेश के सैनिक स्कूलों की सूची
1. सैनिक स्कूल, रीवा
- स्थापना वर्ष: 1962
- विशेषता: मध्य भारत का पहला सैनिक स्कूल
- स्थान: रीवा जिले में स्थित
- छात्र क्षमता: 500+
- प्रसिद्धि: NDA में बड़ी संख्या में चयन
2. सैनिक स्कूल, सागर
- स्थापना वर्ष: 1965
- स्थान: बुंदेलखंड क्षेत्र, सागर
- छात्र जीवन: पूरी तरह से रेजिडेंशियल
- सुविधा: स्मार्ट क्लास, NCC, खेल मैदान
3. सैनिक स्कूल, ग्वालियर
- स्थापना वर्ष: 1964
- स्थान: ग्वालियर कैंट
- खासियत: मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर और हाई टेक्नोलॉजी
4. सैनिक स्कूल, शिवपुरी (प्रस्तावित)
- सरकार द्वारा मंजूरी दी गई
- भूमि चयन प्रक्रिया जारी
- अगले 2 साल में शुरू होने की उम्मीद
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सैनिक स्कूल में एडमिशन कैसे होता है?
सैनिक स्कूलों में प्रवेश AISSEE (All India Sainik School Entrance Exam) के माध्यम से होता है:
पात्रता मानदंड:
सैनिक स्कूलों में कक्षा 6 और कक्षा 9 में एडमिशन दिया जाता है। कक्षा 6 में प्रवेश के लिए छात्र की उम्र 10 से 12 वर्ष के बीच होनी चाहिए, जबकि कक्षा 9 के लिए यह उम्र सीमा 13 से 15 वर्ष होती है। पहले ये स्कूल सिर्फ लड़कों के लिए होते थे, लेकिन अब कई सैनिक स्कूलों में लड़कियों को भी दाखिला दिया जा रहा है, जिससे उन्हें भी सेना में करियर बनाने का समान अवसर मिल सके।
प्रवेश परीक्षा विवरण (AISSEE):
- परीक्षा हर साल जनवरी में होती है।
- विषय: गणित, भाषा, बुद्धिमत्ता, जनरल नॉलेज।
- फॉर्म ऑनलाइन भरे जाते हैं।
चयन प्रक्रिया:
- AISSEE पास करना
- मेडिकल टेस्ट
- फाइनल मेरिट लिस्ट
सैनिक स्कूल में पढ़ाई और ट्रेनिंग कैसा होता है?
यहाँ CBSE पैटर्न के अनुसार पढ़ाई होती है, लेकिन साथ ही छात्रों को लीडरशिप, नैतिकता और अनुशासन की खास ट्रेनिंग दी जाती है। रोज़ सुबह PT, NCC ड्रिल, और स्पोर्ट्स एक्टिविटी होती है। छात्रों में समय प्रबंधन और आत्मनिर्भरता का विकास होता है।
सैनिक स्कूल की फीस कितनी होती है?
सैनिक स्कूलों की औसत फीस ₹1,20,000 से ₹1,50,000 प्रति वर्ष के बीच होती है। इस फीस में ट्यूशन फीस, हॉस्टल में रहने की सुविधा, किताबें, यूनिफॉर्म और फिजिकल ट्रेनिंग जैसी ज़रूरी चीजें शामिल होती हैं। यह पूरी तरह से रेजिडेंशियल स्कूल होने के कारण छात्र पूरे साल वहीं रहते हैं और उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन, खेल और सेना से जुड़ी ट्रेनिंग भी दी जाती है।
सरकार से मिलने वाली स्कॉलरशिप
- MP सरकार आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को स्कॉलरशिप देती है।
- SC/ST/OBC छात्रों के लिए विशेष प्रावधान।
- राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना (NSP) के तहत भी मदद मिलती है।
निष्कर्ष
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा एक अच्छा नागरिक बने, जिसमें अनुशासन, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व हो तो सैनिक स्कूल सबसे उपयुक्त विकल्प है। मध्य प्रदेश में अब ये विकल्प और भी विस्तृत हो गए हैं, और सरकारी सहयोग भी बढ़ रहा है। तैयारी कीजिए, और भविष्य की नींव आज ही रखिए।
FAQ: मध्य प्रदेश में कितने सैनिक स्कूल हैं?
मध्य प्रदेश में कुल कितने सैनिक स्कूल हैं?
वर्तमान में 3 सक्रिय सैनिक स्कूल हैं और 1 प्रस्तावित है।
क्या लड़कियाँ भी सैनिक स्कूल में पढ़ सकती हैं?
हाँ, अब कई सैनिक स्कूलों में लड़कियों के लिए भी सीटें आरक्षित हैं।
सैनिक स्कूल में एडमिशन की उम्र सीमा क्या है?
सैनिक स्कूल में कक्षा 6 के लिए 10-12 वर्ष और कक्षा 9 के लिए 13-15 वर्ष तक की उम्र होनी चाहिए।