
MP Barish Update: मध्य प्रदेश में मौसम इस बार कुछ ज़्यादा ही नाराज़ नज़र आ रहा है। सोमवार को फिर से ऐसा पानी बरसा कि कई ज़िलों में तो जैसे ज़िंदगी ही थम सी गई। बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही और लोग अब सच में परेशान हो चुके हैं। भोपाल वालों की तो सुबह ही पानी-पानी से हुई। शहर के कई निचले इलाकों में इतना पानी भर गया कि गाड़ियाँ तक वहीं रुक गईं।
भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 6 के बाहर की सड़क पूरी तरह से जलमग्न दिखी। हमीदिया रोड से लेकर भोपाल टॉकीज़ तक सब जगह बस पानी ही पानी। लोग छाता लिए यहां-वहां दौड़ते दिखे, लेकिन बरसात कहां रुकने वाली थी।
गुना और राजगढ़ भारी बारिश की चपेट में
अब बात करते हैं उन जगहों की जहां हालात और ज़्यादा खराब हैं। गुना और राजगढ़ में तो इस बार पानी ने जैसे सब्र खो दिया हो। गुना में 1.25 इंच से ज़्यादा बारिश दर्ज की गई, और हालत ऐसे बन गए कि स्कूलों में छुट्टी घोषित करनी पड़ी। राजगढ़ में तो कई दुकानों में भी पानी घुस आया। बगा गांव में तो सड़कें ही बहती नज़र आईं। ब्यावर और खिलचीपुर में भी लोगों को पानी से जूझना पड़ा। राजगढ़ के कलेक्टर ने तुरंत स्कूल बंद करने का फैसला लिया। ऐसा लगा जैसे मौसम ने अचानक सब कुछ रोक दिया हो। घर से निकलना तक मुश्किल हो गया था।
मंदसौर के भानपुरा मैं महादेव झरना उफ़ान पर

अब सोचिए, मंदसौर के भानपुरा में जो बड़ा महादेव का झरना है, वो भी तेज़ बारिश से फट पड़ा। ये नज़ारा देखने लायक तो था, लेकिन आसपास के लोगों के लिए खतरा भी बन गया। उधर सीहोर के भेरूखा वाले झरने में दो लड़के डूब गए थे, और बहुत कोशिशों के बाद उनके शव बरामद हुए। ये खबर सुनकर दिल भारी हो गया। (MP Barish Update)
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नीमच में भी हालात कम बुरे नहीं रहे। वहां की नीमच-कोटा स्टेट हाईवे पूरी तरह बंद हो गई। लोग वहीं अटके रह गए, कोई आगे जा नहीं पा रहा था, कोई पीछे लौट नहीं पा रहा था। इस बार बारिश ने कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रदेश में अब तक औसतन 54% ज़्यादा बारिश हो चुकी है, जो कि अपने आप में बहुत बड़ी बात है। लेकिन इतनी बारिश से फायदा जितना हो रहा है, परेशानी उससे कई गुना ज़्यादा लग रही है।
रायसेन, श्योपुर, ग्वालियर और जबलपुर
और हां, इंदौर, नर्मदापुरम, बैतूल, रायसेन, श्योपुर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे शहर भी बारिश से अछूते नहीं रहे। कहीं तेज़ बारिश हुई, तो कहीं झमाझम रुक-रुक कर चलती रही। इंदौर में लोगों ने ऑफिस निकलते वक्त दो बार सोचा कि जाएं या ना जाएं। लोग अब कहने लगे हैं कि “ऐसी बारिश तो बहुत टाइम बाद देखी है”। कुछ को खुशी है कि खेतों को पानी मिला, लेकिन बाकी तो बस यही सोच रहे हैं कि अब ये आफ़त कब रुकेगी।
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