
Madhya Pradesh Monsoon News: मध्य प्रदेश में मानसून ने अपनी पूरी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। कई जिले तेज बारिश की चपेट में आ चुके हैं और कई जिलों में जल भराव जैसी स्थिति बनने लगी है। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक लोग परेशान हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी जिलों के कलेक्टरों और प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि बारिश से जुड़ी हर व्यवस्था में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा अलर्ट
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी ने सबसे पहले सभी जिलों के कलेक्टरों से मीटिंग की और मानसून से संबंधित सभी जानकारियां ली कौन से इलाके कितने मानसून की चपेट में है यह सभी रिपोर्ट मांगी। बारिश से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं जैसे नाला और पुल सभी की साफ सफाई में तेजी की जाए। शहर में जल भराव की स्थिति नहीं होनी चाहिए, ऐसे करें निर्देश मोहन यादव जी ने बड़े अफसर को दिए। (Madhya Pradesh Monsoon News)
पूरी जवाबदारी संबंधित जिला अफसरों पर
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन को जिम्मेदारी लेनी होगी और अगर किसी भी इलाके में बारिश के कारण जान-माल का नुकसान होता है या जनता को किसी प्रकार की तकलीफ होती है, तो इसकी पूरी जवाबदारी संबंधित अफसरों पर होगी। इसके साथ ही सीएम ने यह भी निर्देश दिए हैं कि बाढ़ संभावित इलाकों में राहत और बचाव दलों की तैनाती पहले से कर दी जाए। नाव, ट्रैक्टर और जेसीबी जैसे संसाधनों को एक्टिव मोड में रखा जाए।
जिला प्रशासन सभी प्रकार की जिम्मेदारियां लेगा, किसी भी प्रकार की गलती माफ नहीं की जाएगी। मानसून के कारण शहर वासियों को किसी प्रकार का नुकसान या आवागमन तप नहीं होना चाहिए।
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खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर जिलों में तेज बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, आगामी कुछ दिनों में खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर जिलों में तेज बारिश की संभावना है। इन जिलों के ग्रामीण इलाकों में खेतों में पानी भरने से फसलें खराब हो सकती हैं, इसलिए किसानों को भी आगाह किया गया है कि वे अपने खेतों की निगरानी रखें और प्रशासन से जुड़कर किसी भी प्रकार की सहायता प्राप्त करें।
पिछले हफ्ते मौसम विभाग में मध्य प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार बारिश होने की संभावना जताई थी, उसमें रीवा, शहडोल, सीधी, भोपाल और इंदौर जैसे जिले मुख्य रूप से शामिल हैं। झमाझम बारिश के चलते, इसका सीधा असर लोगों के धंधों पर पड़ेगा।
विकासखंडों में कंट्रोल रूम चालू रखने के निर्देश
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सभी विकासखंडों में कंट्रोल रूम चालू रखने को कहा है, जिससे किसी भी इमरजेंसी में ग्रामीण सीधे संपर्क कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी गांव में सड़क बह गई हो या पुलिया टूट गई हो तो तुरंत वैकल्पिक मार्ग बनाया जाए और उस पर संकेतक बोर्ड लगाए जाएं।
गांव के लोगों को भी सलाह दी गई है कि वे नदी, नालों से दूर रहें और बच्चों को खास तौर पर इनसे बचाएं। खेतों में काम करने से पहले मौसम की स्थिति देख लें और यदि भारी बारिश का अलर्ट हो तो खेत न जाएं। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि सरकार हर नागरिक के साथ है और किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए पूरी टीम दिन-रात तैयार रहेगी।
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