इंदौर नगर निगम: मध्य प्रदेश की मुख्य खबरों में आज आपको बता दें कि इंदौर नगर निगम ने अपने 7500 सफाई कर्मचारी या कहें तो सफाई मित्रों को ₹1000 उनके स्वास्थ्य सहायता के लिए हर महीने देने का वादा किया है। यह घोषणा तब हुई जब इंदौर नगर निगम फिर से स्वच्छता में पूरे देश में एक नंबर स्वच्छ शहर की ट्रॉफी लेकर आया। यह घोषणा स्वयं महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा की गई। इससे इंदौर के सफाई मित्रों में सफाई के प्रति मित्रता और बढ़ गई।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने की यह घोषणा
आपने तो यह खबर पढ़ी ली होगी, की इंदौर फिर से एक बार स्वच्छता के मामले में पूरे देश में एक नंबर पर आया है। कई सालों से इंदौर स्वच्छता में एक नंबर पर ही आ रहा है, लेकिन इस बार यह है सफाई मित्रों के लिए नया पैगाम लेकर आया है। इंदौर नगर निगम के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने राजवाड़ा में देवी अहिल्या की मूर्ति का सम्मान करते हुए ऐसी घोषणा करी की सफाई मित्रों का दिल गदगद हो उठा।
देवी अहिल्या की मूर्ति का सम्मान करने के बाद महापौर ने अपनी घोषणा में कहा कि अब इंदौर के सफाई मित्रों को हर महीने ₹1000 उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए दिए जाएंगे , ताकि वह शहर को स्वच्छ रखते हुए स्वयं भी स्वस्थ रहें।
दिल्ली में मिली स्वच्छता की ट्रॉफी

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को फिर से स्वच्छता में नंबर एक शहर बताया गया है। इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली में किया गया था, जहां बड़े विशेषज्ञ ने देश के सभी शहर की स्वच्छता का डाटा रखा और यह निर्णय लिया कि कौन सा शहर स्वच्छता में सबसे ऊपर है। उनकी इस लिस्ट में इंदौर का नाम सबसे ऊपर आया। इंदौर को स्वच्छता ट्रॉफी मिली जिसे लेने स्वयं इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव गए हुए थे।
क्या होती है स्वच्छता ट्रॉफी
दरअसल, हर साल देश में स्वच्छता को लेकर एक आयोजन किया जाता है। यह आयोजन दिल्ली में होता है जिसमें स्वच्छता की टीम स्वच्छ शहर का डाटा लोगों के सामने रखते हैं। फिर निर्णय लेते हैं कि इसमें से कौन सा शहर सबसे ज्यादा स्वच्छ है, जिसे स्वच्छता की ट्रॉफी मिलनी चाहिए। हर साल आयोजित किया जाता है, पिछले चार-पांच सालों से इंदौर ही लगातार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित होता जा रहा है और इसे ही स्वच्छता की ट्रॉफी मिलती आ रही है।
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