Ganesh Ji Ki Aarti: गणेशोत्सव धीरे-धीरे विदाई की ओर है। थोड़े ही दिनों में वो पल आ जाएगा जब बप्पा की मूर्ति को विसर्जन के लिए ले जाया जाएगा। ढोल-ताशे बजेंगे, गुलाल उड़ेगा, और दिल में खालीपन भी रहेगा। लेकिन इन दिनों एक चीज़ है जो हर घर में, हर पंडाल में, हर गली-चौराहे पर गूंज रही है – “सुखकर्ता दुखहर्ता” वाली गणेश जी की आरती।

अब ज़रा सोचिए, बचपन में जब पहली बार यह आरती सुनी थी, कानों में ऐसे घुली जैसे मां की लोरी। उस समय तो न मतलब समझ आता था, न भाव, पर जैसे-जैसे बड़े हुए, समझ आने लगा कि ये आरती तो बस शब्द नहीं है, ये तो एक vibe है, एक connection है बप्पा से।
आरती जो सीधे दिल में उतर जाती है
“सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची” – भाई साहब, क्या लाइन है। मतलब बप्पा की पूरी पहचान बस एक लाइन में समा गई। सुख देने वाले भी वही, दुख हरने वाले भी वही।
और जब आरती में आता है – “जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति” तब कुछ पल के लिए तो ऐसा लगता है जैसे आस-पास सब रुक गया हो। मन शांत, जैसे बप्पा कान के पास आकर बोल रहे हों, “सब ठीक होगा बेटा, चिंता मत कर।”
सुखकर्ता दुखहर्ता Lyrics
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
गणपति की आरती सिर्फ पूजा नहीं होती भाई, ये तो दिल की डोर से बंधा हुआ रिश्ता होता है। चाहे तुम्हारा दिन कितना भी खराब क्यों न बीता हो, एक बार बप्पा की मूर्ति के सामने खड़े होकर ये आरती गा लो, दिल हल्का हो जाता है। जैसे किसी ने कंधे पर हाथ रख कर कह दिया हो, “चल भाई, सब बढ़िया होगा।”