ब्लॉक और तहसील में क्या अंतर है? चलो आसान भाषा में समझते हैं

भारत में ना, सरकारी काम मतलब लंबा चक्कर। अब सोचिए, किसी को जाति प्रमाण पत्र बनवाना है या फिर सरकारी योजना का फ़ॉर्म भरना है, तो वो सबसे पहले यही सोचता है , तहसील जाना है या ब्लॉक? और यही कंफ्यूजन हर किसी को होता है। बाहर से देखने में दोनों ऑफिस एक जैसे लगते हैं, लेकिन इन दोनों की दुनिया एकदम अलग है। चलिए, आज की बातचीत में हम यही जानेंगे कि ब्लॉक और तहसील में असली फर्क क्या है, वो भी बिल्कुल सीधी-सादी और अपनी वाली हिंदी में।

तहसील क्या होती है?

जब कोई कहता है “मुझे तहसील जाना है”, तो ज़्यादातर केस में वो कोई जमीन से जुड़ा काम होता है। मतलब जैसे रजिस्ट्री करवाना हो, खसरा-खतौनी देखनी हो, या फिर जाति/आय/निवास जैसे सर्टिफिकेट बनवाने हों, तो तहसील ही जाना पड़ता है। तहसील असल में ज़िले के अंदर एक छोटा प्रशासनिक हिस्सा होता है, जहाँ राजस्व (मतलब जमीन और पैसे से जुड़े) काम होते हैं। हर तहसील में एक तहसीलदार बैठता है, जो पूरे इलाके के जमीन के मामले, सरकारी कागज़ात और दूसरे राजस्व कामों की देखरेख करता है।

ब्लॉक क्या होता है?

अब ब्लॉक की बात करें, तो इसका काम थोड़ा अलग होता है। ये ज़्यादातर गाँवों से जुड़ा होता है। मतलब गाँवों का विकास, स्कूल, सड़कें, सरकारी योजनाएं, इन सब पर ध्यान देना ब्लॉक ऑफिस का काम होता है। ब्लॉक को ही विकास खंड भी कहा जाता है, और इसका काम होता है – विकास से जुड़े सारे काम संभालना। ब्लॉक में एक BDO साहब होते हैं, मतलब Block Development Officer। उन्हीं के ज़रिए गाँवों तक सरकारी योजनाएं पहुँचती हैं, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना हो, मनरेगा, शौचालय योजना वगैरह। एक ब्लॉक के अंदर कई ग्राम पंचायतें आती हैं।

तो फिर ब्लॉक और तहसील में क्या अंतर है

तहसील का मतलब होता है, जमीन और राजस्व से जुड़ा काम, और ब्लॉक का मतलब है – गाँव और विकास से जुड़ा काम। दोनों अलग-अलग काम देखते हैं, और इनके अफसर भी अलग होते हैं। तहसील में तहसीलदार होता है और ब्लॉक में BDO। कुछ शहरों या कस्बों में दोनों ऑफिस एक ही जगह पास-पास होते हैं, इससे लोग और ज़्यादा कंफ्यूज़ हो जाते हैं। कई बार लोग जाति प्रमाण पत्र के लिए ब्लॉक चले जाते हैं, जबकि यह काम तहसील में होता है।

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सरकारी योजना वाले काम कहाँ होते हैं?

अगर आप सोच रहे हैं कि आपको सरकारी घर चाहिए, या शौचालय के लिए फॉर्म भरना है, या फिर गांव की सड़क की जानकारी चाहिए, तो भाई, ये सारे काम ब्लॉक में होते हैं। यहाँ पर सरकारी योजना के फॉर्म भी मिलते हैं और उन पर काम भी होता है। लेकिन वहीं अगर आपकी जमीन की बँटवारा हो रही है, या रजिस्ट्री का मामला है, तो फिर तहसील जाओ। वहाँ सब रिकॉर्ड रहता है, कि किसके नाम कितनी ज़मीन है, कौन-कौन मालिक हैं, सब कुछ।

तहसील में कई ब्लॉक हो सकते हैं?

एक बड़ी तहसील है, उसके अंदर दो या तीन ब्लॉक आराम से आ सकते हैं। इसका कारण ये है कि तहसील ज़्यादा बड़ा एरिया कवर करती है और प्रशासनिक होती है, जबकि ब्लॉक का फोकस सिर्फ विकास होता है। इसलिए एक ही तहसील के अंदर दो अलग-अलग ब्लॉक बन जाते हैं, ताकि काम जल्दी हो सके और लोगों को ज़्यादा भागदौड़ न करनी पड़े।

निष्कर्ष

ब्लॉक और तहसील ये दोनों अपने-अपने तरीके से ज़रूरी हैं। एक गाँवों को आगे बढ़ाता है, दूसरा कागज़ी कामों को संभालता है। अगर आप किसान हैं, या ज़मीन से जुड़ा कोई मामला है तो सीधा तहसील जाएं। और अगर आप योजना में नाम जुड़वाना चाहते हैं, या गाँव का विकास कार्य है तो सीधे ब्लॉक ऑफिस की राह पकड़िए।

FAQs – ब्लॉक और तहसील से जुड़े कुछ ज़रूरी सवाल-जवाब

जाति प्रमाण पत्र कहाँ बनता है ब्लॉक या तहसील?

अगर आपको अपना जाति प्रमाण पत्र नया बनवाना है या पुराने में ही कुछ सुधार करना है तो आपकोतहसील कार्यालय जाना चाहिए, क्योंकि यह भूमि व राजस्व से जुड़ा प्रशासनिक कार्य है।

पेंशन से जुड़े काम तहसील में होंगे या ब्लॉक में?

क्योंकि ये सारी योजनाएं विकास विभाग द्वारा चलाई जाती हैं, जिनका काम ब्लॉक स्तर पर देखा जाता है। वहाँ BDO (Block Development Officer) और समाज कल्याण अधिकारी की टीम होती है जो इन कामों को देखती है।

ग्राम पंचायत किसके अंतर्गत आती है तहसील या ब्लॉक?

ग्राम पंचायत ब्लॉक के अंतर्गत आती है, क्योंकि यह विकास योजनाओं से जुड़ी होती है।

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