अब हाउस नंबर नहीं, QR कोड से पहचान होगी घरों की, इंदौर बना देश का पहला डिजिटल पता सिस्टम वाला शहर

डिजिटल पता सिस्टम: इंदौर शहर में एक नए डिजिटल अभियान को चलाया जा रहा है। दरअसल, अब इंदौर के घरों में हाउस नंबर की जगह एक क्यूआर कोड वाली डिजिटल प्लेट लगाई जाएगी। कोड स्कैन करने पर घर के मालिक की सब पूरी जानकारी देखने को मिल जाएगी। उसमें घर के मलिक शहर में स्वच्छता की रेटिंग भी दे सकते हैं और अपने सुझाव भी सरकार तक पहुंचा सकते हैं। आईए जानते हैं इंदौर की डिजिटल एड्रेस सिस्टम क्या है और यह कैसे काम करेगा?

डिजिटल पता सिस्टम

क्या है डिजिटल पता सिस्टम? (Digital Address System)

आसान भाषा में कहे तो, जब हमारे घर के बाहर हाउस नंबर की जगह पर कोई ऐसा डिजिटल बोर्ड लगा दिया जाए जिससे कोई भी नागरिक या अधिकारी उसे डिजिटल बोर्ड के जरिए इंटरनेट पर मकान के मालिक की जानकारी पा सके। डिजिटल पता में एक ऍप जारी किया जा सकता है जिसमें आपके घर की लोकेशन को ट्रैक किया जा सकता है।

बारकोड या QR कोड़ देखने को मिलेगा, उसे स्कैन करके आपके घर की सभी जानकारी यानी घर के मालिक की जानकारी और घर कब बना था उसकी जानकारी ली जा सकती है।

इंदौर नगर निगम का डिजिटल पता प्रोजेक्ट

फिलहाल तो यह अभी ट्रायल के रूप में चल रहा है लेकिन इंदौर नगर निगम में से जल्दी ही अनिवार्य कर देगी। डिजिटल पता होने के बाद हर घरों के बाहर एक QR कोड के जैसा बोर्ड लगाया जाएगा। जिसे मोबाइल से स्कैन कर घर का प्रमाण पत्र, घर की पूरी जानकारी टैक्स आदि सब प्राप्त की जा सकेगी। पानी का बिल और बिजली बिल जैसे भुगतान भी इसके जरिए किए जा सकेंगे।

मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने किया शुभारंभ

मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने रविवार के दिन शहर के सुदामा नगर में स्थित कुछ घरों में क्यूआर कोड लगाकर डिजिटल पता सिस्टम की शुरुआत की। इंदौर यह पहला शहर होगा जिसमें डिजिटल पता सिस्टम चालू किया गया है। पुष्यमित्र भार्गव ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी इसकी एक पोस्ट डाली है। वह इंदौर वासियों को एक नई डिजिटल दुनिया का हिस्सा बनना चाहते हैं इससे सरकार और जनता दोनों को ही लाभ होगा।

इंदौर शहर पहले से ही स्वच्छता के मामले में देश में अच्छी रैंकिंग पर है और डिजिटल एड्रेस सिस्टम चालू होने के बाद यह प्रदेश का पहला या कहे तो देश का पहला ऐसा शहर होगा जहां हाउस नंबर की जगह इंदौर के घरों में QR कोड देखने को मिलेगा। इस तरह का डिजिटलीकरण होना बेहद जरूरी है इससे जन सामान्य को भी सुविधा होती है। इसमें जीपीएस जैसे लेटेस्ट फीचर भी शामिल होंगे।

निष्कर्ष: हाउस नंबर की जगह कर कोड

इंदौर एक बार फिर तकनीक और नवाचार के मामले में आगे निकल गया है। देश में पहली बार इंदौर में घरों पर हाउस नंबर की जगह QR कोड लगाए जा रहे हैं, जिन्हें स्कैन कर घर मालिक की जानकारी, टैक्स, बिजली-पानी के बिल आदि तक पहुंचा जा सकेगा। यह डिजिटल पता प्रणाली न केवल प्रशासन के लिए फायदेमंद होगी बल्कि आम जनता को भी पारदर्शी और सरल सेवाएं उपलब्ध कराएगी।

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