ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर: उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में श्रावण-भाद्रपद मास के दौरान भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए दर्शन और आरती की व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। इस बार भक्तों को अधिक सुव्यवस्थित और दिव्य अनुभव देने के उद्देश्य से कई नए प्रबंध किए गए हैं।

महाकाल भस्म आरती के समय में बदलाव
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर समिति ने जानकारी दी है कि 11 जुलाई से 18 अगस्त 2025 तक मंदिर के पट प्रतिदिन सुबह 3 बजे और हर रविवार को विशेष रूप से रात 2:30 बजे खोले जाएंगे। जैसे ही पट खुलेंगे, भगवान महाकाल की भस्म आरती का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देशभर से श्रद्धालु भाग लेने आते हैं।
तीन रास्तों से दर्शन की व्यवस्था
गुरुवार को कलेक्टर रौशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सामान्य दर्शन, शीघ्र दर्शन और कांवड़ यात्रियों के लिए अलग-अलग द्वारों से प्रवेश सुनिश्चित किया जाएगा। इससे भीड़ का दबाव कम होगा और सभी को सुगम दर्शन का अवसर मिलेगा।
भगवान महाकाल का जलाभिषेक
इस बार खास बात यह है कि सामान्य भक्तों को भी भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने की अनुमति दी गई है। इसके लिए मंदिर के सभा मंडप और कार्तिकेय मंडपम में विशेष जल पात्र लगाए जाएंगे, जिससे श्रद्धालु व्यवस्थित ढंग से जल अर्पण कर सकें।
महाकाल की सवारी होगी भव्य
श्रावण और भाद्रपद मास में भगवान महाकाल की पारंपरिक सवारी यात्रा का भी आयोजन रहेगा। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पालकी में विराजे भगवान के दर्शन भक्तों को स्पष्ट रूप से हो सकें, इसके लिए सुरक्षा, प्रकाश, सफाई और अन्य सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहें। इस भव्य सवारी में हज़ारों श्रद्धालु हर वर्ष शामिल होते हैं और यह उज्जैन की विशेष धार्मिक परंपरा का हिस्सा है।
श्रद्धालुओं से अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे दर्शन के समय संयम और अनुशासन बनाए रखें। मंदिर प्रबंधन की ओर से सभी इंतजाम भक्तों की सुविधा के लिए किए गए हैं। भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए प्रवेश और दर्शन मार्गों पर वालंटियर्स की भी नियुक्ति की जाएगी।
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