रीवा, मध्य प्रदेश का एक खूबसूरत जिला, अब सिर्फ अपने सफेद बाघों और ऐतिहासिक स्थलों के लिए नहीं, बल्कि अपनी नई भव्य ब्रिज के लिए भी जाना जा रहा है। आज हम जानेंगे रीवा का सबसे बड़ा ब्रिज के बारे में, जो शहर को नई ऊंचाइयों की ओर ले जा रही है। रीवा हमेशा से ही ऐतिहासिक और भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है। लेकिन अब इस ब्रिज ने इसे और भी खास बना दिया है।
Table of Contents
रीवा का सबसे बड़ा ब्रिज: नाम और लोकेशन
इस ब्रिज को “गुड़गांव-बायपास ब्रिज” के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन स्थानीय लोग इसे “रीवा का फ्लाईओवर” कहकर पुकारते हैं। यह ब्रिज रीवा शहर के गुड़गांव इलाके से बायपास रोड को जोड़ता है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग से सीधे जुड़ता है।
निर्माण प्रक्रिया और समय सीमा
रीवा का फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण कार्य वर्ष 2020 में शुरू हुआ था। करीब 3 साल के कठिन परिश्रम के बाद 2023 में यह ब्रिज जनता के लिए खोल दिया गया। यह ब्रिज करीब 1.4 किलोमीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा है, जो रीवा जिले का सबसे बड़ा पुल है। इस ब्रिज पर दोपहिया से लेकर भारी मालवाहक ट्रक तक आसानी से गुजर सकते हैं।
रीवा का फ्लाईओवर निर्माण में लगी लागत
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस ब्रिज की कुल लागत लगभग ₹250 करोड़ रुपये आई है। यह रीवा जिले की अब तक की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना है। शहरवासियों के लिए यह ब्रिज वरदान साबित हो रहा है। सुबह-शाम की भागदौड़ में अब सफर आसान हो गया है और ट्रैफिक में लगने वाला समय भी घटा है।
ब्रिज से होने वाले फायदे
रीवा जिला प्रशासन, मध्य प्रदेश सरकार और केंद्रीय सड़कों मंत्रालय ने मिलकर इस ब्रिज को संभव बनाया। उनके कुशल प्रबंधन और संसाधन से यह परियोजना सफल हो पाई। इसके कई फायदे है जैसे:
- अब एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचने में 20 मिनट से ज़्यादा नहीं लगते।
- ब्रिज बनने से शहर के मुख्य सड़कों पर भीड़भाड़ कम हुई है।
- अब पर्यटक भी इस ब्रिज को देखने आते हैं और सेल्फी लेना नहीं भूलते।
- इस ब्रिज के कारण वाहनों की लंबी कतारें खत्म हुईं, जिससे प्रदूषण में भी गिरावट आई है।
निष्कर्ष
रीवा की यह सबसे बड़ी ब्रिज न सिर्फ शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बना रही है, बल्कि रीवा के भविष्य को भी एक नई दिशा दे रही है। यह विकास का प्रतीक है, जो हमें बताता है कि अगर इरादे मजबूत हों तो कुछ भी मुमकिन है।
Disclaimer: इस वेबसाइट/लेख में दी गई जानकारी सामान्य संदर्भ हेतु है। हालांकि जानकारी को सही और अद्यतित रखने का प्रयास किया गया है, फिर भी किसी भी प्रकार की त्रुटि या हानि के लिए लेखक या प्रकाशक उत्तरदायी नहीं होंगे। कृपया किसी भी निर्णय से पहले संबंधित विशेषज्ञ या आधिकारिक स्रोत से पुष्टि करें।
Read Also:
अब रीवा सीधी हाईवे का चौड़ीकरण होना तय, मोहनिया घाटी की टनल के आस पास रोड़ होगी चौड़ी
Pingback: MP News Maheshwar: महेश्वर को जिला बनाने की मांग तेज़, अब हर पंचायत देगी समर्थन - MP Tech & Jobs