
राजा रघुवंशी मर्डर केस इन दिनों देशभर में सुर्खियों में है। एक ऐसा मामला जिसने न सिर्फ मेघालय पुलिस की जांच क्षमताओं को सामने लाया बल्कि यह भी साबित किया कि कोई भी जुर्म कितना भी चालाकी से क्यों न किया जाए, पुलिस की नज़र से बचना आसान नहीं।
11 मई को इंदौर निवासी राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी की शादी हुई। शादी के महज 9 दिन बाद, यानी 20 मई को दोनों अपने हनीमून के लिए मेघालय रवाना हुए। लेकिन हनीमून एक भीषण अपराध में तब्दील हो गया, जब राजा का शव 2 जून को एक गहरी खाई में मिला।
शुरुआत: हनीमून या साजिश की पहली परत?
20 मई को दोनों मेघालय पहुँचे और 22 मई को मोलखियाद गाँव पहुंचे, जहां से उन्हें डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज देखना था। इस पुल तक पहुँचने के लिए करीब 3000 सीढ़ियाँ नीचे उतरनी पड़ती हैं। यह वही स्थान है जहां से पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के ज़रिए उनकी आखिरी लोकेशन ट्रेस की।
लापता स्कूटी और बारिश ने खोले संदेह के दरवाज़े
24 मई को एक लावारिस स्कूटी शिलॉन्ग से सोहरा जाने वाले मार्ग पर मिली। स्कूटी वहीं की थी जो दंपति ने किराए पर ली थी। बारिश के कारण सर्च ऑपरेशन में देरी हुई, लेकिन आखिरकार 2 जून को एक गहरी खाई में क्षत-विक्षत शव मिला, जिसकी पहचान राजा रघुवंशी के हाथ पर गुदे टैटू से की गई। पोस्टमार्टम में सामने आया कि राजा की हत्या किसी धारदार हथियार से दो बार सिर पर वार करके की गई थी।
जांच का नया मोड़: हत्या या प्लानिंग का हिस्सा?
पोस्टमार्टम के बाद राजा रघुवंशी मर्डर केस को मर्डर मिस्ट्री के रूप में जांचा जाने लगा। 4 जून को घटनास्थल से एक महिला की टी-शर्ट, दवाइयों की पट्टियाँ, एक टूटी हुई स्मार्ट वॉच और मोबाइल फोन की स्क्रीन बरामद हुईं। इसके साथ ही केस दर्ज कर लिया गया।
पुलिस की जांच ने बड़ा मोड़ लिया जब सोनम के कॉल रिकॉर्ड से सामने आया कि वह लगातार एक ही नंबर से बात कर रही थी। उसी नंबर की लोकेशन भी सोनम की लोकेशन से मेल खा रही थी।
प्रेम संबंध और सुपारी किलिंग: जांच का चौंकाने वाला खुलासा
मेघालय पुलिस के अनुसार, सोनम का अफेयर शादी से पहले से ही राज कुशवाहा नामक युवक से चल रहा था। पुलिस का दावा है कि दोनों ने मिलकर राजा रघुवंशी को मारने की साजिश रची और इस साजिश को अंजाम देने के लिए तीन सुपारी किलर – विशाल चौहान, आनंद कुमार और आकाश राजपूत – को हायर किया गया।
राज कुशवाहा ने असम से मशहूर पूर्वोत्तर भारतीय हथियार “दाव” (Machete) मंगवाया ताकि मर्डर को लोकल क्राइम दिखाया जा सके। लेकिन पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट से घाव की गहराई, आकार और हथियार की विशेषताओं के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि यह असम की ‘दाव’ है, न कि मेघालय की।
दो बड़ी गलतियां: जिनसे खुल गई पूरी मर्डर मिस्ट्री
- पहली गलती: हत्यारों ने सोचा कि शव गल जाएगा और पहचान नहीं हो पाएगी, लेकिन राजा के हाथ पर टैटू से उसकी पहचान हो गई।
- दूसरी गलती: जो दाव इस्तेमाल हुआ वह असम का था, न कि मेघालय का – जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह कोई लोकल मर्डर नहीं बल्कि सुनियोजित साजिश थी।
इसके अलावा, कॉल रिकॉर्ड से मिले लोकेशन डेटा ने सोनम और राज कुशवाहा के बीच की लिंक को मजबूत प्रमाण में बदल दिया।
पुलिस का दावा और आगे की कार्रवाई
राजा रघुवंशी मर्डर केस में मेघालय पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने केस की सभी कड़ियाँ जोड़ दी हैं और यह साबित कर दिया है कि सोनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करवाई। हालांकि यह केवल पुलिस की थ्योरी है और अंतिम सत्य न्यायालय की जांच और फैसले के बाद ही सामने आएगा।
निष्कर्ष: राजा रघुवंशी मर्डर केस
राजा रघुवंशी मर्डर केस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कोई भी अपराध कितना भी योजनाबद्ध क्यों न हो, वह सुराग छोड़ ही जाता है। मेघालय पुलिस की सूझबूझ, तकनीकी सहायता और सटीक फॉरेंसिक एनालिसिस ने इस केस को एक मिसाल में बदल दिया है।
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